भारत और मालदीव के रिश्ते तेजी से पटरी पर लौट रहे हैं। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील सोमवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे। इस दौरान जयशंकर और खलील दोनों देशों के बीच आर्थिक व समुद्री सुरक्षा साझेदारी के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे। व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी पर भारत-मालदीव विजन दस्तावेज को पिछले साल अक्तूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनाया था। रविवार शाम भारत पहुंचे खलील की तीन दिवसीय यात्रा पर उनके साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। उनका इस साल भारत का यह तीसरा दौरा है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि खलील की यात्रा भारत और मालदीव के बीच उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान के सिलसिले में है। वह भारत-मालदीव विजन दस्तावेज के कार्यान्वयन में प्रगति की निगरानी के लिए दूसरे उच्च स्तरीय कोर ग्रुप (एचएलसीजी) की बैठक में अपने देश का नेतृत्व करेंगे। वह भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी करेंगे। बता दें कि अक्तूबर, 2024 में भारत दौरे पर आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कई मुद्दों पर बात की थी। भारत ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया था। मालदीव के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते और 30 अरब रुपये (360 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की सहायता प्रदान करने के भारत सरकार के फैसले के लिए धन्यवाद भी दिया था।