Saturday, November 15, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

“भारत पूरी तरह से रूस के तेल की खरीद बंद करेगा” — डोनाल्ड ट्रंप का पुनरावलोकन

प्रमुख बिंदु
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि भारत ने रूस से तेल खरीद पूरी तरह बंद करने का वादा किया है।
• उन्होंने यह दायित्व नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें दिए गए कथित आश्वासन के रूप में पेश किया है।
• ट्रंप निशाना बना रहे हैं भारत के रूस के साथ ऊर्जा व्यापार को, इसे युद्ध-वित्त पोषण के रूप में देखते हुए।
• भारत फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई वादा किया है।
• ट्रंप प्रशासन ने भारत पर यह दबाव तब बनाया है, जब उसने रूस से तेल आयात जारी रखा है और अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ़ का उपाय अपनाया है। ________________________________________
क्या ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा:
“मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और उन्होंने कहा है कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह तुरंत नहीं होगा — यह “थोड़ी-थोड़ी प्रक्रिया है, लेकिन वह जल्दी खत्म हो जाएगी।” उन्हें इस बात की चिंता है कि भारत की रूस से तेल खरीद युद्ध-वित्त में योगदान दे सकती है, और इसलिए उन्होंने व्यापार टैरिफ़ के माध्यम से पलटवार करने की नीति अपनाई है।
________________________________________
भारत की प्रतिक्रिया क्या रही?
• भारत का विदेश मंत्रालय कह चुका है कि ऊर्जा नीति में उसके प्रमुख उद्देश्य हैं — उपभोक्ता हित की रक्षा और आपूर्ति-सुनिश्चितता.
• इस मामले में भारत ने न तो सीधे पुष्टि की कि मोदी ने कभी ऐसा वादा किया है, न ही तुरंत रूस से आयात बंद करने का कोई समय-रेखा सार्वजनिक की है।
• भारत अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने की ओर भी देख रहा है, जिसमें अमेरिका-से तेल और गैस आयात बढ़ाने की संभावनाएँ सामने आई हैं।
________________________________________
इस घटनाक्रम का व्यापक अर्थ
• इस बयान के पीछे एक रणनीतिक गठजोड़-दबाव दिखता है, जहाँ अमेरिका रूस को ऊर्जा निर्भरता से अलग करने की कोशिश कर रहा है, और भारत को उसमें शामिल करने का प्रयास कर रहा है।
• इच्छित परिणाम: रूस के आयातित तेल-राजस्व को कम करना, जिससे उसकी युद्ध-शक्ति कम हो सके। ट्रंप ने इसे सीधे इस क्रम के हिस्से के रूप में देखा है।
• लेकिन भारत की चुनौतियाँ हैं: विशाल ऊर्जा जरूरत, सस्ते तेल की चाह, तथा विदेश नीति में रणनीतिक स्वतंत्रता। इन सबका संतुलन बनाना आसान नहीं।
• यदि भारत ने वाकई रूस से तेल आयात को बहुत जल्दी बंद किया, तो इसके आर्थिक और रणनीतिक परिणाम होंगे—उच्च कीमतें, स्रोतों की पुनर्संगठन, रूस के साथ संबंधों में बदलाव।
________________________________________
आगे क्या-क्या देखने योग्य है
• भारत की ठोस समय-रेखा क्या होगी रूस से आयात बंद करने की? और उसमे कितनी मात्रा में कटौती होगी?
• क्या भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा सहयोग में वृद्धि होगी — विशेषकर अमेरिकी तेल एवं गैस आयात में?
• रूस से तेल आयात बंद होने पर भारत के लिए क्या आर्थिक एवं रणनीतिक चुनौतियाँ सामने होंगी?
• अमेरिका का यह दबाव अन्य देशों (विशेषकर चीन) पर क्या असर डालेगा? ट्रंप ने यह भी कहा है कि चीन को भी रूस के तेल आयात कम करना चाहिए।

Popular Articles