नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत की सैन्य तैयारियों को प्रदर्शित करने वाले बड़े अभ्यास ‘त्रिशूल’ की शुरुआत ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना द्वारा सीमावर्ती इलाकों में किए जा रहे इस संयुक्त युद्धाभ्यास के चलते पाकिस्तान ने एहतियातन अपने हवाई मार्ग के कुछ हिस्सों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया है। इस कदम को भारत की बढ़ती सैन्य क्षमताओं की चिंता का सीधा संकेत माना जा रहा है।
भारतीय सुरक्षा सूत्रों के अनुसार ‘त्रिशूल’ अभ्यास का फोकस पश्चिमी सीमा पर मुकाबला स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया, हवाई सुरक्षा, मिसाइल प्रणालियों की जांच और समन्वित युद्धक अभियानों का मूल्यांकन करना है। इस दौरान लड़ाकू विमानों, आकाश और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ उन्नत निगरानी प्रणालियों की भी तैनाती की गई है।
पाकिस्तान की ओर से हवाई क्षेत्र बंद किए जाने पर आधिकारिक रूप से सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया है। मगर रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम के पीछे भारतीय सेनाओं की रणनीतिक तैयारी से पैदा हुई चिंता साफ नजर आती है। पिछले कुछ समय से सीमा पर पाकिस्तान की ड्रोन गतिविधियां और घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं, जिनके जवाब में भारत ने अपनी रक्षा कवच को और मजबूत किया है।
वहीं, भारतीय सेना का कहना है कि यह अभ्यास नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और इसका मकसद किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना है। अभ्यास के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में सभी ऑपरेशनल यूनिट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि वास्तविक समय में उनकी क्षमताओं और समन्वय का मूल्यांकन किया जा सके।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘त्रिशूल’ न केवल भारतीय सेनाओं की ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि यह पड़ोसी देशों को स्पष्ट संदेश भी देता है कि भारत अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर क्षण तैयार है।


