बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में ऐतिहासिक मोड़ साबित होने वाला है। ISRO के अध्यक्ष स. एस. धर ने हाल ही में मिशन की प्रगति और संभावित लॉन्च तारीख के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
ISRO प्रमुख ने बताया कि गगनयान मिशन प्री-पैरेटरी फेज में पूरी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मिशन की तैयारी में आवश्यक सभी तकनीकी और सुरक्षा उपायों का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। अंतरिक्ष यान और उससे जुड़ी तकनीकें मानव मिशन की उच्चतम मानकों के अनुसार तैयार की गई हैं।
धर ने कहा कि मिशन की लॉन्च तिथि लगभग 2025 के अंत तक तय की जाएगी, हालांकि अंतिम निर्णय मौसम, तकनीकी तैयारियों और सुरक्षा मानकों के अनुसार लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मिशन में चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, और उन्हें स्वास्थ्य और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार किया गया है।
ISRO प्रमुख ने बताया कि गगनयान मिशन के तहत तीन दिन तक पृथ्वी की कक्षा में भारतीय अंतरिक्ष यात्री रहेंगे। इस दौरान उनका जीवन, स्वास्थ्य और उपकरणों की कार्यप्रणाली लगातार मॉनिटर की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मिशन के सफल होने से भारत वो पांचवां देश बन जाएगा जो मानव को अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम होगा।
ISRO ने पिछले वर्षों में गगनयान मिशन के लिए रोबोटिक मिशन, मानव जीवन समर्थन प्रणाली, और लॉन्च व्हीकल तकनीक में कई सफल परीक्षण किए हैं। मिशन के लिए विशेष रूप से तैयार जीएसएलवी Mk III रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा, जो मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक शक्ति और स्थिरता प्रदान करता है।
धर ने लोगों से अपील की कि वे मिशन के लिए धैर्य रखें और इसे सफल बनाने में ISRO की टीम का समर्थन करें। उन्होंने कहा, “गगनयान मिशन केवल विज्ञान और तकनीक की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।”
विशेषज्ञों के अनुसार, गगनयान मिशन से भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में वैज्ञानिक, तकनीकी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का दायरा भी व्यापक होगा। मिशन की सफलता के बाद भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी और युवा वैज्ञानिकों में उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ेगा।


