Saturday, November 15, 2025

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बांग्लादेश में चुनावी हलचल तेज, जल्द हो सकता है तारीखों का एलान

ढाका। बांग्लादेश में चुनावी तैयारियों की सरगर्मी बढ़ने लगी है। इसी बीच संकेत मिल रहे हैं कि आम चुनाव की तारीखों का औपचारिक एलान जल्द ही किया जा सकता है। इसके साथ ही राजनीतिक परिदृश्य में एक और बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है, क्योंकि मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ नेता तारिक रहमान की स्वदेश वापसी की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। रहमान वर्तमान में ब्रिटेन में निर्वासन का जीवन बिता रहे हैं।
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक समीकरणों और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद तारीखों को अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति जारी है, जिसके चलते चुनावी माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। विपक्षी दल बीएनपी बार-बार चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग दोहरा रहा है।
तारिक रहमान की भूमिका पर नजर
पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी प्रमुख बेगम खालिदा जिया के पुत्र तारिक रहमान पार्टी की रणनीति और नेतृत्व में अहम भूमिका निभाते हैं। पार्टी के भीतर माना जा रहा है कि उनकी संभावित वापसी कार्यकर्ताओं में उत्साह भर सकती है और चुनावी मोर्चे पर बीएनपी को मजबूती मिल सकती है।
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि रहमान की वापसी कानूनी और सुरक्षा चुनौतियों के बिना संभव नहीं होगी। उन पर भ्रष्टाचार सहित कई गंभीर मामलों में मुकदमे लंबित हैं और बांग्लादेश की अदालतों ने अतीत में उनके खिलाफ कठोर रुख अपनाया है।
सत्तारूढ़ दल भी तैयारियों में जुटा
प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ अवामी लीग आगामी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पहले ही तैयार कर चुकी है। पार्टी का दावा है कि सरकार विकास कार्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर जनता का विश्वास हासिल करेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बांग्लादेश के चुनाव पर नजर बनी हुई है। मानवाधिकार और चुनावी हिंसा को लेकर विभिन्न मंचों पर चिंता व्यक्त की जाती रही है। ऐसे में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करना चुनाव आयोग और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी परीक्षा होगा।
बांग्लादेश अगले कुछ हफ्तों में जिस राजनीतिक दौर में प्रवेश करने जा रहा है, वह आने वाले वर्षों की दिशा तय कर सकता है। अब सभी की निगाहें चुनावी कार्यक्रम और विपक्षी नेतृत्व की उस संभावित वापसी पर टिक गई हैं, जो देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती है।

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