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बंगाल की खाड़ी में Cyclone Montha का गठन, तीन दिन तक रहेगा खतरा

नई दिल्ली / कोलकाता: पूर्वोत्तर एवं दक्षिण-पूर्वी भारत के लिए एक नए मौसमीय खतरें की घंटी बज चुकी है — बंगाल की खाड़ी में एक निम्नदाबीय क्षेत्र तीव्र होकर चक्रवाती तूफान “मोंथा” में बदलने की ओर अग्रसर है। India Meteorological Department (IMD) द्वारा जारी चेतावनियों के अनुसार यह तूफान अगले तीन दिन तक प्रभावी रहने का अनुमान है।
गठन और मार्ग

मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में पहले से सक्रिय निम्नदाबीय क्षेत्र अभी तक लगभग 990 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह क्षेत्र अगले 24–48 घंटों में गहरा निम्नदाब और फिर — संभवतः — चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ में बदल जाएगा। तूफान की गति 90–100 कि.मी./घंटा तक पहुंच सकती है और कुछ स्थानों पर इसके झोंके 110 कि.मी./घंटा तक भी हो सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि ये तूफान आंध्र प्रदेश तट के करीब, विशेष रूप से काकीनाडा और मचिलीपटम के बीच किसी स्थान पर, अगले 2–3 दिनों में लैंडफॉल कर सकता है।

प्रभावित क्षेत्र एवं संभावित असर
• तटीय आंध्र प्रदेश, विशेषकर फोर्ट विजयवाड़ा, काकीनाडा, मचिलीपटम और आसपास के जिलों में तीव्र बारिश, तेज़ हवाएँ और समुद्र में ऊँचे लहरों की संभावना है।
• तमिलनाडु के तटों — जैसे चेन्नै सहित — में भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
• बंगाल के तटीय जिलों में भी 27 अक्टूबर के बाद हल्की से भारी बारिश हो सकती है।
• मछुआरों को समुद्र में नहीं निकलने की हिदायत दी गई है और तटीय क्षेत्रों में आपदा तैयारियों को तेज कर दिया गया है।
प्रशासनिक तैयारियाँ
प्रशासन द्वारा बचाव दल, तटरक्षक बल एवं आपदा प्रतिक्रिया टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। तटीय इलाकों में आवास-सुरक्षा केंद्र तैयार किए जा रहे हैं तथा लोगों को अनावश्यक रूप से तट के करीब न रहने की सलाह दी गई है।
समुद्र में मछली पकड़ने वाले फ्लीट को तट पर लौटने तथा अन्दर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
अगले तीन दिन में विशेष सावधानियाँ
इस तूफान की सक्रियता अगले 48–72 घंटों में चरम पर रहने की संभावना है। इसलिएः
• तटीय इलाकों में रहने वाले नागरिकों को घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं खेतों की तैयारी पहले ही करने की सलाह दी गई है।
• समुद्री गतिविधियाँ — मछली पकड़ना, नौकायन आदि — फिलहाल पूरी तरह बंद रखें।
• नदियों— नालों से जुड़ी तलछट, जे सील और उपरांत बाढ़-सक्रियता का जोखिम है, इसलिए अलर्ट रहें।
• मौसम विभाग द्वारा जारी सूचना एवं स्थानीय प्रशासन की निर्देशावली पर तुरंत अमल करें।
निष्कर्ष
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ पूर्वी तट के लिए एक गंभीर मौसमीय घटना के रूप में उभर रहा है। यदि सतर्कता एवं समय-परिणाम-उपाय नहीं अपनाए गए तो प्रभावित क्षेत्रों में जीवन, संपत्ति तथा कृषि-क्षेत्र को संभावित क्षति हो सकती है। इसलिए यह समय है कि हम सक्रिय रूप से तैयारी करें और प्राकृतिक खतरों के सामने कम-से-कम दबाव में आएँ।

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