Tuesday, May 20, 2025

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धर्म के आधार पर वोट देने की अपील

सिंगापुर में जल्द ही आम चुनाव होने हैं। ऐसे में सिंगापुर की सरकार सोशल मीडिया पर नजर रख रही है और जो भी सोशल मीडिया अकाउंट मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जा रहा है। एक सिंगापुर मूल के ऑस्ट्रेलियाई और दो मलेशियाई राजनेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट प्रतिबंधित कर भी दिए गए हैं। दरअसल इन सोशल मीडिया अकाउंट्स की पोस्ट में सिंगापुर सरकार की धार्मिक मामलों को हैंडल करने के तरीके की आलोचना की गई थी और लोगों को धर्म के आधार पर वोट देने की अपील की गई थी।  सिंगापुर में आगामी 3 मई को चुनाव होने हैं। इस बीच सिंगापुर के चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया कंपनी मेटा को कई अकाउंट्स को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है। इनमें से एक अकाउंट जुल्फीकार बिन मोहम्मद शरीफ का है, जो सिंगापुर मूल का ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है। शरीफ पर आरोप है कि उसका इस्लामिक स्टेट से ताल्लुक है और सिंगापुर में उसे आईएस से संबंधों और आतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते हिरासत में भी लिया गया था। शरीफ ने सिंगापुर के मलय मूल के लोगों से अपील की कि सिंगापुर की संसद मलय मुस्लिम लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही। शरीफ ने लोगों से वोट ने देने की अपील की। शरीफ की पोस्ट का असर ये हुआ कि सिंगापुर के कई नागरिक भी उसके प्रभाव में आ गए और उसकी पोस्ट को रिपोस्ट किया। मलेशिया के दो राजनेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट भी प्रतिबंधित किए गए हैं। इन दोनों नेताओं पर भी आरोप है कि उन्होंने सिंगापुर के मुस्लिम मतदाताओं को धर्म के आधार पर वोट देने की अपील की थी और विपक्षी नेताओं का समर्थन किया गया था और सिंगापुर सरकार के कई फैसलों की आलोचना भी की थी। सिंगापुर के गृह विभाग और चुनाव आयोग ने बयान जारी कर यह पूरी जानकारी दी है। बता दें कि सिंगापुर में कुल 27.58 लाख पंजीकृत मतदाता हैं, जो 3 मई को मतदान करेंगे। सिंगापुर में 75 प्रतिशत आबादी चाइनीज मूल के लोगों की, 15 प्रतिशत आबादी मलय लोगों की, जिनमें अधिकतर मुस्लिम है और सात प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है।

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