देहरादून। दीपावली पर्व के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर की स्वास्थ्य सेवाओं को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) और मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) को दिशा-निर्देश भेजते हुए सुनिश्चित करने को कहा है कि हर जिले में अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, एंबुलेंस सेवाओं और आपात चिकित्सा इकाइयों की सेवाएं सतत रूप से उपलब्ध रहें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में प्रशासनिक और चिकित्सा अमले को उच्च सतर्कता पर रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “पर्वों की खुशियां तभी सार्थक हैं जब हर नागरिक सुरक्षित और स्वस्थ हो। दीपावली के दौरान आगजनी, पटाखों से होने वाली चोट, सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में त्वरित चिकित्सा सहायता मिलनी चाहिए।”
अस्पतालों से लेकर एंबुलेंस तक अलर्ट
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी तय कर दी गई है। सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाएं, जीवनरक्षक उपकरण और प्राथमिक उपचार सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
आपात सेवाओं पर विशेष निगरानी
108 एंबुलेंस सेवा, जिला नियंत्रण कक्ष और अस्पतालों के आपातकालीन वार्डों को विशेष निगरानी में रखा गया है। ब्लड बैंक और बर्न यूनिट्स को भी पूरी तरह कार्यशील रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आग या विस्फोट जैसी घटनाओं में तुरंत इलाज संभव हो सके।
भीड़ वाले क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात
त्योहारों के दौरान बाजारों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स तैनात की जाएंगी। इन यूनिट्स में प्राथमिक चिकित्सा उपकरण और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहेंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता दी जा सके।
डॉ. कुमार ने कहा कि जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी स्वास्थ्य इकाइयों की सतत निगरानी करें और किसी भी शिकायत या आकस्मिक घटना पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें।
राज्य सरकार का दावा है कि इस बार दीपावली के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियां पहले से अधिक मजबूत की गई हैं ताकि प्रदेश में हर नागरिक सुरक्षित और स्वस्थ माहौल में त्योहार मना सके।


