दक्षिण कोरिया की रुढ़िवादी पार्टी पीपल्स पावर पार्टी ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को बदल दिया है। किम मून सू की जगह पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री हान डक सू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। किम मून सू को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करने के एक हफ्ते बाद ही पार्टी ने उन्हें उम्मीदवारी से हटाने का फैसला किया है। इससे पार्टी के भीतर की उथल-पुथल का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। दक्षिण कोरिया में 3 जून को राष्ट्रपति पद के लिए उपचुनाव होना है।
पार्टी द्वारा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हटाए जाने के बाद किम मून सू ने इस पर नाराजगी जाहिर की और इसे राजनीतिक तख्तापलट करार दिया। पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा दक्षिण कोरिया में बीते दिसंबर में मार्शल लॉ लगाने की कोशिश के बाद से यह देश राजनीतिक संकट से घिरा हुआ है। किम मून सू, यून सुक योल की सरकार में श्रम मंत्री रहे थे और उन्हें कट्टर रूढ़िवादी नेता माना जाता है, लेकिन उन्होंने योल द्वारा मार्शल लॉ लगाने के फैसले की आलोचना की थी। पार्टी के प्राइमरी चुनाव में 56 प्रतिशत मत पाकर किम मून राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने थे।
हालांकि पीपल्स पावर पार्टी में अभी भी पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल का दबदबा है और योल समर्थक नेताओं ने ही किम की जगह हान डक सू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का जोर दिया था। इन नेताओं का मानना है कि हान के लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ली जे युंग को मजबूती से टक्कर दे सकते हैं। योल के राष्ट्रपति पद से हटने के बाद हान ने ही कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर काम किया था। पीपीपी ने हान और किम के बीच अपनी उम्मीदवारी का फैसला करने के लिए बातचीत की कोशिश भी की थी, लेकिन सहमित नहीं बनने पर पार्टी की आपात बैठक बुलाई गई और हान को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। हालांकि अभी हान की उम्मीदवारी को पार्टी की राष्ट्रीय समिति की मंजूरी का इंतजार है।