Tuesday, July 15, 2025

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तनाव घटाने के लिए पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों से लगाई गुहार

भारत के साथ तनाव घटाने के लिए अमेरिका के समक्ष गिड़गिड़ाने के बाद पाकिस्तान ने अब मित्र मुस्लिम देशों से गुहार लगाई है।
इस क्रम में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में सऊदी अरब के राजदूत नवाफ बिन सईद अल-मलिकी, यूएई के राजदूत हमद ओबैद अल-जाबी और कुवैत के राजदूत नासेर अब्दुलरहमान जासीर से अलग-अलग मुलाकातें कीं।

‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ ने इन मुलाकातों में दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान का रुख दोहराया। राजदूत नवाफ के साथ बातचीत में शरीफ ने बिना किसी सुबूत के पहलगाम की घटना से पाकिस्तान को जोड़ने वाले भारत के निराधार आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और घटना की पारदर्शी एवं तटस्थ अंतरराष्ट्रीय जांच का आह्वान दोहराया।

अन्य बैठक में शरीफ ने अपना रुख दोहराने के साथ ही पाकिस्तान को अटूट समर्थन देने के लिए यूएई के राजदूत का आभार जताया। शरीफ ने कुवैत के राजदूत से कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से घटना की विश्वसनीय, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच कराने की पेशकश की है।

तीनों राजदूतों ने कहा कि उनके संबंधित देश क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करेंगे।उधर, पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जैदोंग ने इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शरीफ से मुलाकात की। एक बयान में जियांग के हवाले से कहा गया कि चीन पाकिस्तान की वैध सुरक्षा चिंताओं को समझता है और राष्ट्रीय संप्रभुता एवं सुरक्षा हितों की रक्षा के उसके प्रयासों का समर्थन करता है।

उन्होंने घटना की शीघ्र और निष्पक्ष जांच के लिए चीन का समर्थन व्यक्त किया तथा भारत-पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने, साथ मिलकर काम करने, मतभेदों को उचित ढंग से निपटाने तथा क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता की संयुक्त रूप से रक्षा करने का आह्वान किया।

इस दौरान शरीफ ने दक्षिण एशिया में शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए चीन के रचनात्मक प्रयासों की सराहना की। इससे पहले पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बात की थी।

इस बीच, पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद पहली बार बयान जारी कर कहा कि यह बेहद सराहनीय है कि संसद में सभी पार्टियों ने राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा के मुद्दे पर एक सुर में बात की। सांसदों के इस रुख से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा और लोगों में सद्भाव बढ़ेगा।

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