Saturday, November 15, 2025

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ट्रंप की नीति को अदालत से झटका: 18 साल की उम्र के होने पर प्रवासी बच्चों को वयस्क हिरासत केंद्र भेजने पर रोक

वॉशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की प्रवासी नीतियों को सुप्रीम कोर्ट के अधीनस्थ अदालत ने बड़ा झटका दिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि 18 साल की उम्र पूरी कर चुके प्रवासी बच्चों को वयस्क हिरासत केंद्र में भेजने पर रोक रहेगी। इस फैसले से ट्रंप प्रशासन की सख्त प्रवासन नीति पर चुनौती खड़ी हो गई है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि युवाओं को वयस्क हिरासत में रखना उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और यह संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थापित मानवाधिकार मानकों के खिलाफ है। अदालत ने स्पष्ट किया कि 18 साल के होने के बावजूद यदि प्रवासी युवा अभी भी नाबालिग केंद्रों में सुरक्षित रह सकते हैं, तो उन्हें वयस्क केंद्रों में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
इस मामले की पृष्ठभूमि उस नीति से जुड़ी है, जिसके तहत ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले बच्चों और किशोरों को जैसे ही 18 साल की उम्र पूरी होती, उन्हें वयस्क हिरासत केंद्र में स्थानांतरित करने का नियम लागू किया था। प्रशासन का तर्क था कि इससे क़ानून का पालन और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

हालांकि, नागरिक अधिकार समूहों और प्रवासन विशेषज्ञों ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया था। उन्होंने अदालत में दलील दी कि वयस्क केंद्रों में रहने से प्रवासी युवाओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। अदालत ने इन दलीलों को मान्यता देते हुए आदेश पारित किया।
नागरिक अधिकार संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। अमेरिकन सिविल लॉयर्स यूनियन (ACLU) ने कहा कि यह फैसला प्रवासी युवाओं के लिए ऐतिहासिक जीत है और यह ट्रंप प्रशासन की कठोर नीति को चुनौती देता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश ट्रंप प्रशासन की प्रवासन नीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है और अन्य संवेदनशील मामलों में भी न्यायिक समीक्षा की संभावना बढ़ा सकता है। प्रशासन की ओर से अभी तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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