पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों में तनाव के बीच शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर बातचीत की। इस दौरान लावरोव ने शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के ढांचे के तहत दोनों देशों को राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया। दोनों नेताओं के बीच बातचीत की रूसी दूतावास ने जानकारी दी।रूसी दूतावास के बयान में कहा गया है कि लावरोव और जयशंकर ने रूसी-भारतीय सहयोग के सामयिक मुद्दों के साथ-साथ पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पर भी चर्चा की। इस दौरान लावरोव ने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणा के प्रावधानों के अनुसार द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से भारत-पाकिस्तान के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने उच्चतम और उच्च स्तर पर आगामी संपर्कों के कार्यक्रम पर भी चर्चा की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी एक्स पर पोस्ट कर रूसी समकक्ष लावरोव से हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट कर कहा, लावरोव के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों, मददगारों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि बातचीत के दौरान भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की।
लावरोव-जयशंकर की बातचीत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुई है। इस हमले में 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। भारत ने इस हमले के पीछे सीमा पार आतंकवाद का आरोप लगाया है, और इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा देने का वादा किया है। भारत पहले ही कह चुका है कि पहलगाम हमले के दोषियों, मददगारों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। इसके अलावा, अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कई वैश्विक शक्तियों ने इस हमले की निंदा की है और दोनों पक्षों से तनाव कम करने का आह्वान किया है।