मौसम विभाग द्वारा उत्तरकाशी और अन्य जिलों में आगामी दिनों में भारी से बहुत भारी वर्षा, बर्फबारी और ओलावृष्टि के अलर्ट के बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने चारधाम यात्रा मार्ग पर सतर्कता बढ़ा दी है। विभाग के राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि खराब मौसम की स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था की जाएगी और मौसम सामान्य होने पर ही यात्रा को आगे बढ़ाया जाएगा।
मंगलवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। सचिव सुमन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि यात्रियों को ऐसे स्थानों पर रोका जाता है जहां दुकानें या भोजन की व्यवस्था नहीं है, तो तुरंत खाने-पीने की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
यदि किसी जिले में यात्रियों की भीड़ अधिक हो जाए या जाम की स्थिति उत्पन्न हो, तो यात्रियों को अगले जिले में ही रोका जाए। साथ ही, यात्रा मार्ग में संभावित भूस्खलन क्षेत्रों में जेसीबी और अन्य राहत उपकरणों की तैनाती का आदेश भी दिया गया है ताकि मार्ग बाधा रहित रखा जा सके।
मौसम अलर्ट समय पर यात्रियों और आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए कैप (कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल) प्रणाली के तहत एसएमएस भेजे जा रहे हैं। इसकी प्रभावशीलता की भी समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा, स्थानीय ग्रामीणों को जोड़कर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है ताकि सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान हो सके।
सचिव सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदाओं से निपटने के लिए समुदायों की भागीदारी बढ़ाने की पहल शुरू कर दी गई है। टिहरी जिले में प्रत्येक गांव में पांच लोगों की टीम बनाई गई है जो किसी भी आपदा की सूचना तत्काल जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को देंगे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और आवश्यक होने पर एफआईआर दर्ज की जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं सचिव सुमन से मौसम के पूर्वानुमानों और हाल में हुई बारिश से उत्पन्न स्थितियों की जानकारी ली और सभी जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए।