Saturday, November 15, 2025

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केदारनाथ रोपवे को लेकर अडानी समूह उत्साहित, गौतम अडानी ने साझा की भविष्य की झलक

देहरादून/नई दिल्ली। केदारनाथ यात्रा को और अधिक सुगम व सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से अडानी समूह द्वारा किए जा रहे केदारनाथ रोपवे निर्माण को लेकर ग्रुप के संस्थापक व अध्यक्ष गौतम अडानी ने उत्साह व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह “दुनिया का सबसे सुरक्षित रोपवे” होगा, जो श्रद्धा और सुविधा को एक साथ जोड़ने का प्रतीक बनेगा।
गौतम अडानी ने कहा कि सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे भारत के तीर्थाटन इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इस रोपवे के निर्माण से अब तक आठ से नौ घंटे लगने वाली केदारनाथ यात्रा महज 36 मिनट में पूरी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगी।
3-एस ट्राइकेबल तकनीक पर आधारित भारत का पहला रोपवे
अडानी समूह द्वारा निर्मित यह रोपवे भारत का पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा जो “3-एस ट्राइकेबल तकनीक” पर आधारित होगा। इस प्रणाली में तीन केबलों का उपयोग किया जाता है, जिससे यह अत्यधिक सुरक्षित, स्थिर और विश्वस्तरीय केबल कार तकनीक बन जाती है।
रोपवे में लगने वाले गोंडोला (ट्रॉली) में एक बार में 35 तीर्थयात्री यात्रा कर सकेंगे। अनुमान है कि एक घंटे में करीब 1,800 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ या वापस की यात्रा कर पाएंगे।
“आस्था को सुविधा से जोड़ने का प्रयास” – गौतम अडानी
वीडियो साझा करते हुए गौतम अडानी ने कहा, “केदारनाथ रोपवे न केवल समय बचाएगा बल्कि यह सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव भी देगा। यह हमारे प्रयासों का हिस्सा है जिसमें हम आस्था को सुविधा से जोड़ रहे हैं। हमने पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को सतत निर्माण के सिद्धांत पर आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।”
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बल
वर्तमान में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक शटल सेवा संचालित होती है, और गौरीकुंड से केदारनाथ तक 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। इसमें घोड़े-खच्चर और डोली की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। रोपवे शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं को सीधे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक का तेज़, आरामदायक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प मिल जाएगा।
स्थानीय व्यापारी व पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि इस परियोजना से न केवल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ेगी बल्कि रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
केदारनाथ रोपवे परियोजना उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन साबित हो सकती है।

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