प्रयागराज। कुंभ 2027 को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए इस बार प्रशासन पूरी तरह तकनीकी मोर्चे पर तैयारियों में जुट गया है। भारी भीड़ के दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और जियो फेंसिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही को रियल टाइम में मॉनिटर किया जा सके और किसी भी संवेदनशील स्थिति पर तुरंत नियंत्रण किया जा सके।
आईटी सचिव नितेश झा के अनुसार, “कुंभ 2027 को ‘डिजिटल कुंभ’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। भीड़ प्रबंधन से लेकर यातायात नियंत्रण तक, हर स्तर पर तकनीक की भूमिका अहम होगी।”
भीड़ घनत्व सेंसर देंगे रियल टाइम अलर्ट
कुंभ क्षेत्र के प्रमुख मार्गों, घाटों और शाही स्नान स्थलों पर क्राउड डेनसिटी सेंसर लगाए जाएंगे। ये सेंसर लगातार भीड़ के घनत्व को मापेंगे और जैसे ही किसी स्थान पर भीड़ निर्धारित सीमा से अधिक होगी, नियंत्रण कक्ष को तत्काल अलर्ट मिल जाएगा। इसके बाद प्रशासनिक टीमें मौके पर सक्रिय होकर भीड़ का रुख मोड़ने या सीमित करने की कार्रवाई करेंगी।
संवेदनशील स्थलों की होगी जियो फेंसिंग
प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र के सभी संवेदनशील स्थलों की जियो फेंसिंग कराने का निर्णय लिया है। इससे सैटेलाइट के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। किसी भी क्षेत्र में भीड़ का अचानक बढ़ना या असामान्य हलचल का पता तुरंत चल जाएगा, जिससे सुरक्षा एजेंसियां समय रहते कार्रवाई कर सकेंगी।
हीटमैप आधारित क्राउड फ्लो डैशबोर्ड
भीड़ की निगरानी के लिए एक विशेष हीटमैप आधारित क्राउड फ्लो डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है। इस डैशबोर्ड पर हर क्षेत्र में आने-जाने वाली भीड़ का रियल टाइम डेटा मिलेगा। किस घाट पर भीड़ अधिक है और कहां कम—यह जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।
चार माह में 21 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान
हर कुंभ की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की विशाल संख्या चुनौती बनी हुई है। 2010 के महाकुंभ में 3.11 करोड़ लोग शाही स्नानों में शामिल हुए थे, जबकि 2016 के अर्धकुंभ में यह संख्या 72 लाख और 2021 के कुंभ में कोविड प्रतिबंधों के बावजूद 66.25 लाख रही।
कुंभ 2027 के लिए सरकार ने अनुमान लगाया है कि प्रमुख स्नानों पर 1.5 से 2 करोड़ श्रद्धालु पहुंच सकते हैं। पूरे कुंभ काल (चार माह) में 17 से 21 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
एआई से सजेगा ‘डिजिटल कुंभ’
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन के साथ ही आईटी विभाग ईवी चार्जिंग लोकेटर और सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (SOC) भी स्थापित करेगा। इन सभी व्यवस्थाओं में एआई का उपयोग होगा ताकि निर्णय प्रक्रिया तेज और सटीक हो।
प्रशासन का दावा है कि कुंभ 2027 केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि तकनीकी और प्रबंधन के स्तर पर भी देश के सबसे उन्नत आयोजनों में शामिल होगा।
– नितेश झा, सचिव (आईटी)
“कुंभ 2027 को डिजिटल कुंभ के रूप में विकसित किया जा रहा है। भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में एआई और अन्य उन्नत तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।”





