वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद से आतंकवाद पर खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों के रुख में अब उल्लेखनीय बदलाव आया है। यूएई में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने कहा, इसका बड़ा कारण यह है कि उन्हें व्यापक रूप से अहसास हो गया है कि आतंकवाद सभी का साझा शत्रु है और इस खतरे से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी हैं। इस दौरान यूएई में भारत का रुख सामने लाने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के दौरे की सराहना भी की गई। प्रतिनिधिमंडल ने यूएई नेताओं के आगे भारतीय पक्ष को सही ढंग से रखा, जिस पर सबने सहमति जताई। सुधीर बोले, जीसीसी देशों (बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब व यूएई) की 26/11 और पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में काफी बदलाव आया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रमुख लोगों से बातचीत में कहा, हमारी सरकार ने सभी भारतीयों के जीवन की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए। सरकार ने पाकिस्ताना को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि यदि अगली बार उसने ऐसी गलती की तो उनकी उम्मीद से भी ज्यादा बड़ी कार्रवाई करेंगे। ओवैसी ने कहा, हमारी सरकार ने हमें यहां भेजा है, ताकि दुनिया यह समझ सके कि भारत ने पिछले कई सालों से किस तरह के खतरों का सामना कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को टोक्यो में अपने जोशीले भाषण में कहा, आतंकवाद यदि पागल कुत्ता है तो पाकिस्तान इसका जंगली आका है। उन्होंने कहा, हमें सबसे पहले इस जंगली आका से निपटना होगा, वरना यह जंगली संचालक और अधिक पागल कुत्ते बढ़ाएगा। सांसद हेमंग जोशी ने देश की एकता पर जोर दिया। संजय झा ने कहा, हम सीमापार आतंकवाद को न तो भूलेंगे और न ही माफ करेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने यहां स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी बोस को श्रद्धांजलि भी दी। साथ ही जापान में भारत के दूत से कहा कि प्रतिमा स्थल का सुधार होना चाहिए।