नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पिछले दस वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए व्यापक सुधारों के परिणामस्वरूप भारत अब समुद्री सुरक्षा और समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक उभरती हुई सशक्त शक्ति बनकर सामने आया है। वह मंगलवार को देश की तटीय सुरक्षा, पोर्ट विकास और समुद्री व्यापार से जुड़े एक राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने “ब्लू इकॉनॉमी” को मजबूती से गति दी है। समुद्री सुरक्षा अवसंरचना के विस्तार, अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण ने न केवल स्ट्रैटेजिक बढ़त दी है, बल्कि देश के लिए बड़े आर्थिक अवसर भी पैदा किए हैं।
उन्होंने कहा:
“समुद्र हमारे लिए केवल सीमा नहीं बल्कि समृद्धि का द्वार है। बीते दशक में हमने यह सुनिश्चित किया है कि भारत की तटीय सुरक्षा अभेद्य हो और हमारी समुद्री ताकत वैश्विक मंच पर पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी रूप में उभरे।”
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि नए तटरक्षक केंद्रों की स्थापना, निगरानी प्रणालियों में सुधार, और समुद्री खतरों से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता विकसित की गई है। शाह के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग के बढ़ने से भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी को भी मजबूत किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में बंदरगाहों की क्षमता को और बढ़ाया जाए, जहाज निर्माण उद्योग को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया जाए और तटीय राज्यों में रोजगार के नए अवसर सृजित हों।
कार्यक्रम में रक्षा, नौवहन, उद्योग और समुद्री विशेषज्ञों सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उपस्थित प्रतिनिधियों ने गृह मंत्री के वक्तव्य को देश की समुद्री नीति के भविष्य को रेखांकित करने वाला प्रमुख संदेश बताया।
विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार की यह रणनीति न केवल सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि भारत की वैश्विक व्यापारिक हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में भी बड़ा कदम है।


