देहरादून: उत्तराखंड में नर्सिंग शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के राजकीय मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में नर्सिंग कोर्स की 1800 सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, पहली बार नर्सिंग पाठ्यक्रम के संचालन के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी, जिससे शिक्षण व्यवस्था अधिक पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण हो सके।
शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में विशेष अधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई। समिति ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले 39 संस्थानों में सीटें बढ़ाने के प्रस्ताव को संस्तुति प्रदान कर दी। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश के पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों, 11 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों और निजी पैरामेडिकल कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग एवं जीएनएम पाठ्यक्रमों में कुल 9804 सीटें मान्य हैं। सीट वृद्धि के बाद यह संख्या 11,600 के करीब पहुंच जाएगी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि नर्सिंग कोर्स संचालन हेतु संस्थानों के आवेदनों की छंटनी कई स्तरों पर करने की बजाय एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो) विकसित की जाए। इससे प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और संस्थानों को अनावश्यक देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बैठक के दौरान सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2024 तक स्टेट नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत नर्सों की संख्या 21,541 है। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ की बढ़ती जरूरत को देखते हुए सीटों में वृद्धि समय की मांग है।
बैठक में वित्त सचिव दिलीप जावलकर सहित चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों का मानना है कि यह निर्णय राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देने के साथ युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।





