ईरान और इस्राइल बीते कई दिनों से आमने-सामने हैं। इस तनाव की शुरुआत 1 अप्रैल को हुई। जब सीरिया स्थित ईरानी दूतावास पर हवाई हमला हुआ। इस हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के अल-कुद्स बल के एक वरिष्ठ कमांडर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ये सभी दमिश्क दूतावास परिसर में एक बैठक में भाग ले रहे थे। हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया गया, जिसने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। इस हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इस्राइल को उसके ऑपरेशन के लिए दंडित किया जाना चाहिए और किया भी जाएगा। चेतावनी के बाद ईरान ने शनिवार 13 अप्रैल की रात इस्राइल पर 330 मिसाइलें दागीं। इस दौरान ड्रोन हमले भी किए गए। अब इस्राइल भी ईरान पर जवाबी कार्रवाई की चेतवानी दे रहा है। इससे संकेत मिल रहा है कि क्रिया-प्रतिक्रिया का यह सिलसिला जल्द थमने वाला नहीं है। आज ईरान और इस्राइल भले ही आमने-सामने हैं लेकिन ये कभी दोस्त हुआ करते थे।