पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। गुयाना और रूस इस समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे। यह समिति उन व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं की आर्थिक संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने जैसे फैसले लेती है, जो अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा माने जाते हैं। यह जिम्मेदारी मिलने के बाद पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा।
इसके अलावा पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति (1373 काउंटर टेररिज्म कमेटी) का उपाध्यक्ष भी बनाया गया है। अल्जीरिया को आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। फ्रांस और रूस को पाकिस्तान के साथ कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आतंकवाद रोधी समिति के पास खुद से सजा देने या कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, लेकिन यह सदस्य देशों की गतिविधियों की निगरानी करती है और उन्हें सुझाव देती है कि वे आतंकवाद के खिलाफ क्या कदम उठाएं।
तालिबान प्रतिबंध समिति को ‘1988 समिति’ के तौर पर भी जाना जाता है। पहले यह समिति आईएसआईएल और अल-कायदा से जुड़े आतंकियों की निगरानी करती थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान को तालिबान पर प्रतिबंध लगाने वाली समिति की कमान मिलने के बाद अगर वह तालिबान के खिलाफ सख्त एक्शन लेता है तो इससे उसके संबंधों पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तान को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है, जब वह तालिबान से संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।