मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चिंता का कारण बनकर उभरी है। यहां पिछले तीन साल में सीरिया, बांग्लादेश समेत कई देशों से जुड़े संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारियां यह संकेत दे रही हैं कि शहर आतंकवादी नेटवर्क और मादक पदार्थ तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि प्रतिबंधित संगठन सिमी के कमजोर पड़ने के बाद अब अन्य आतंकी गुट अपने नेटवर्क को यहां से विस्तार देने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों ने भोपाल में पनाह ली थी, लेकिन समय रहते इंटेलिजेंस एजेंसियों ने उनके मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया। मार्च 2022 में एटीएस ने ऐशबाग इलाके से जेएमबी के आतंकियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि ऐशबाग और करोंद की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में किराये पर मकान आसानी से मिल जाते हैं और संकरी गलियों के चलते निगरानी करना भी कठिन होता है।
इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शाहजहांनाबाद क्षेत्र से पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी), जिसे तहरीक-ए-खिलाफत भी कहा जाता है, के सदस्यों को गिरफ्तार किया। माना जा रहा है कि यह कट्टरपंथी संगठन गोपनीय तरीके से अपनी गतिविधियों का विस्तार कर रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों को कुछ युवाओं के इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से संपर्क में होने की जानकारी पहले से थी। हाल की गिरफ्तारियों ने इस आशंका को और गंभीर बना दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि भोपाल से आइएस से जुड़े कई तत्वों की गतिविधियां चिन्हित हुई हैं, जिनकी जांच जारी है।
विशेषज्ञों के अनुसार स्थानीय पुलिस की सबसे बड़ी कमी किरायेदारों के सत्यापन में लापरवाही रही है। कई आतंकी एक वर्ष से अधिक समय तक घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहकर भी पुलिस और इंटेलिजेंस की पकड़ से बाहर रहे। इससे सुरक्षा व्यवस्था की खामियां उजागर हुई हैं।
पिछले एक वर्ष के दौरान ऐशबाग, करोंद और आसपास की बस्तियों से करीब 10 संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इन इलाकों में चेकिंग अभियान और निगरानी बढ़ा दी है। बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी अचानक जांच की जा रही है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राजधानी में विदेशी और प्रतिबंधित संगठनों के सक्रिय होने के संकेत बेहद गंभीर हैं। यदि समय रहते किरायेदार सत्यापन, इंटेलिजेंस समन्वय और निगरानी तंत्र को मजबूत नहीं किया गया, तो भोपाल आतंकी नेटवर्क के लिए और बड़ा केंद्र बन सकता है।
आतंकियों का ठिकाना बनता जा रहा भोपाल, तीन वर्षों में सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के आतंकी दबोचे गए





