व्हाइट हाउस के प्रबंधन और बजट कार्यालय (OMB) ने विदेश विभाग के बजट में लगभग 50 फीसदी की कटौती करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, कई राजनयिक मिशनों को बंद करने, राजयनिक कर्मचारियों की संख्या घटाने और संयुक्त राष्ट्र, नाटो सहित लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए फंडिंग बंद करने का प्रस्ताव दिया गया है। एक अधिकारी के अनुसार, यह प्रस्ताव पिछले सप्ताह विदेश विभाग के सामने पेश किया गया था। हालांकि, यह अभी प्रारंभिक चरण में है। इसे पहले विदेश विभाग और फिर कांग्रेस के पास भेजा जाएगा। आगामी महीनों में सांसदों को संघीय बजट पर मतदान करने के लिए कहा जाएगा, जहां इसे बदला या पूरी तरह से खारिज भी किया जा सकता है। सांसदों के पास प्रस्ताव को भेजने से पहले कई दौर की समीक्षा की जाएगी।
प्रस्ताव से परिचित अधिकारियों का कहना है कि यह प्रस्ताव ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताओं को दर्शाता है। पहले भी इसी तरह की कटौतियां सरकारी खर्च को कम करने के लिए की जा चुकी हैं, जिनमें नौकरियों में कटौती, स्वास्थ्य, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसियों में कटौती की गई हैं। प्रस्ताव के बारे में एक आंतरिक बैठक की चर्चा सप्ताहांत से ही विदेश सेवा अधिकारियों के बीच ऑनलाइन चैट ग्रुप में प्रसारित किए जा रहे थे। हालांकि, यह प्रस्ताव सोमवार को तब चर्चा का विषय बना जब विदेश विभाग को OMB के सामने एक अलग योजना पेश करनी थी।
प्रस्ताव से परिचित एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बात की। उन्होंने इस प्रस्ताव को लागत में बहुत अधिक कटौती करने वाला कहा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह अभी प्रारंभिक चरण में है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में OMB प्रमुख रसेल वॉट के काम को दर्शाता है। हालांकि, OMB के प्रवक्ता एलेक्जेंड्रा मैककंडलेस ने कहा कि इस प्रस्ताव पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी OMB ने विदेश विभाग के बजट को कम करने का प्रयास किया था। तब कैपिटल हिल पर इसका भारी विरोध किया गया और इसे वापस लेना पड़ा। हालांकि, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में एजेंसियों और नौकरियों में कटौती की गई और यूएसएड को समाप्त कर दिया। इसके अलावा, वॉयस ऑफ अमेरिका, रेडियो फ्री यूरोप, मिडिल ईस्ट ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क, रेडियो फ्री एशिया और रेडियो/टीवी मार्टी, जो क्यूबा में प्रसारित होता है, को निधि देने से मना कर दिया।