नई दिल्ली: अब आयुर्वेद के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर सरकार की कड़ी नजर रहेगी। आयुष मंत्रालय ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ‘आयुष सुरक्षा पोर्टल’ लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकेगा और उस पर हो रही कार्रवाई की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी कर सकेगा।
आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि उत्तरदायित्व भी तय होगा। यह पोर्टल जनता और नियामक एजेंसियों के बीच एक सेतु की तरह काम करेगा।
आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि यह पोर्टल फार्माकोविजिलेंस और नियामक एजेंसियों को एक मंच पर लाकर काम को और प्रभावी बनाएगा। उन्होंने कहा, “अब भ्रामक दावों से जुड़ी हर शिकायत एक राष्ट्रीय डैशबोर्ड में दर्ज होगी और उसकी स्थिति ट्रैक की जा सकेगी।”
पोर्टल में जनता के लिए विशेष शिकायत प्रकोष्ठ बनाया गया है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा इनपुट मिल सकें। उपयोगकर्ता न केवल शिकायत दर्ज कर सकते हैं बल्कि जांच और कार्रवाई की प्रगति भी देख सकते हैं।
गौरतलब है कि जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आयुर्वेदिक दवाओं के बढ़ते भ्रामक विज्ञापनों पर चिंता जताई थी और सरकार को केंद्रीकृत निगरानी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया था। यह पोर्टल उसी निर्देश के अनुपालन में विकसित किया गया है।