पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और उसकी मीडिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। पाकिस्तानी समाचार चैनल और कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटे हैं। पाकिस्तान चैनलों और कुछ ट्रोल नेटवर्क ने दावा किया कि भारतीय रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को पहलगाम में कथित चूक के बाद बर्खास्त कर अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के काला पानी में निर्वासित कर दिया गया। जबकि, हकीकत यह है कि लेफ्टिनेंट जनरल राणा को अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदोन्नत किया गया है, जो एक त्रि-सेवा कमान है। कुछ पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडलों ने यह भी दावा किया कि लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार को पहलगाम हमले से जुड़ी नाकामियों के कारण सेना की उत्तरी कमान से हटा दिया गया। जबकि, लेफ्टिनेंट सुचिंद्र 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए। ऐसा ही एक और झूठा दावा किया गया कि भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से इन्कार करने पर बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, एयर मार्शल धारकर ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया और 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए। बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकवादियों ने हमला किया था। आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। सिंधु जल संधि के निलंबन से लेकर पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने तक, भारत ने पाकिस्तान पर कई पाबंदियां लगा दी हैं। पाकिस्तान भी अनरगल बयानबाजी कर रहा है। पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाइयों से छटपटा रहे पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है। वह लगातार अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाली हरकतें कर रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान डरा हुआ है। वह भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से छटपटा रहा है।
भारत ने पाकिस्तान के लिए सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवाओं पर रोक लगा दी है। अब डाक और पार्सल को हवाई और जमीनी रास्तों से न ही भेजा जा सकेगा और न ही प्राप्त किया जा सकेगा। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत एक के बाद एक कदम पाकिस्तान के खिलाफ उठा रहा है। डाक और पार्सल पर रोक लगाने का फैसला उसी कड़ी का हिस्सा है।