भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट काम के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि किसी संस्थान के लिए इस पुरस्कार में 51 लाख नकद और एक सर्टिफिकेट शामिल है। किसी व्यक्ति के लिए पुरस्कार के तौर पर पांच लाख रुपये और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान और और उनकी सेवा को सम्मानित करने के लिए वार्षिक पुरस्कार की शुरुआत की है। इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन की जाती है। 2025 के पुरस्कार के लिए एक जुलाई 2024 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे। कुल 297 संस्थानों और व्यक्तियों के नामांकन प्राप्त हुए थे। आईएनसीओआईएस की स्थानपना हैदराबाद में 1999 में हुई थी। यह आपदा प्रबंधन रणनीति का अभिन्न अंग है। इसने भारतीय सुनामी प्रारंभिक चेतावनी केंद्र की स्थापना की जो 10 मिनट के भीतर सुनामी अलर्ट प्रदान करता है। यह भारत समेत 28 हिंद महासागर देशों को सेवा प्रदान करता है। इसे यूनेस्को द्वारा शीर्ष सुनामी सेवा प्रदाता के रूप में मान्यता दी गई है। आईएनसीओआईएस ने 2013 में फैलिन और 2014 में हुदहुद चक्रवात के दौरान सहायता प्रदान की थी। इससे समय पर लोगों की निकासी हुई और तटीय आबादी के लिए जोखिम कम हो गया। आईएनसीओआईएस ने समुद में खोए हुए व्यक्तियों या वस्तुओं का पता लगाने में भारतीय तटरक्षक, नौसेना और तटीय सुरक्षा पुलिस की सहायता के लिए खोज और बचाव सहायता उपकरण (एसएआरएटी)विकसित किया है। आईएनसीओआईएस को 2024 में समुद्री सेवाओं में भू-स्थानिक विश्व उत्कृष्टता पुरस्कार और 2021 में आपदा जोखिम न्यूनीकरण उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।