पोर्ट-औ-प्रिंस/न्यूयॉर्क। हैती में लंबे समय से जारी हिंसा और गिरोहों के आतंक पर काबू पाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक बड़ा प्रस्ताव पेश किया गया है। अमेरिका और पनामा ने परिषद के सामने एक प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत कैरेबियाई देश में 5,550 सैनिकों का विशेष बल तैनात किया जाएगा। इस बहुराष्ट्रीय बल का मुख्य उद्देश्य वहां की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को नियंत्रित करना और आम लोगों को राहत देना होगा।
प्रस्ताव के अनुसार, यह बल हैती की पुलिस और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा। इसमें शामिल सैनिकों को शांति स्थापना, हथियारबंद गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई, मानवीय सहायता की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की रक्षा जैसी ज़िम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। हैती की राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस और अन्य इलाकों में इन गिरोहों का आतंक इतना बढ़ गया है कि आम नागरिकों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। अपहरण, हत्या और लूटपाट की घटनाओं ने आम जिंदगी को प्रभावित किया है।
अमेरिका और पनामा का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तुरंत कदम नहीं उठाता, तो हैती की स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है। प्रस्ताव पर चर्चा अगले सप्ताह UNSC में की जाएगी। इसे पारित करने के लिए 15 सदस्यीय परिषद में कम से कम नौ देशों का समर्थन और किसी भी स्थायी सदस्य (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस) का वीटो न होना आवश्यक होगा।
हैती के प्रधानमंत्री और स्थानीय प्रशासन लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सुरक्षा सहायता की मांग कर रहे थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने भी कई बार हैती में अंतरराष्ट्रीय बल भेजने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है तो यह हैती में स्थिरता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, हालांकि चुनौतीपूर्ण हालात और गिरोहों की ताकत को देखते हुए बल की सफलता आसान नहीं होगी।