इस्राइल ने लेबनान पर ताबड़तोड़ हवाई हमले कर हाल ही में हिजबुल्ला प्रमुख सयैद हसन नसरल्ला का खात्मा कर दिया। अब इसे लेकर एक बड़ी और हैरान करने वाली जानकारी सामने आ रही। बताया जा रहा कि बेरूत में हवाई हमले में मारे जाने से कुछ घंटे एक ईरानी जासूस ने इस्राइली अधिकारियों ने उसके ठिकाने की सूचना दी थी। फ्रांस के एक अखबार में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में लेबनान के एक सुरक्षा सूत्र का भी हवाला दिया गया है। सूत्र ने अखबार को बताया, जासूस ने इस्राइली अधिकारियों को बताया था कि नसरल्ला संगठन के कई शीर्ष सदस्यों के साथ बैठक में भाग लेने वाला है। बैठक बेरूत के दक्षिण में हिजबुल्ला के अंडरग्राउंड मुख्यालय में होने वाली है। एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्ला के खिलाफ इस्राइल की हालिया सफलताओं में उसके खुफिया तंत्र का काफी योगदान रहा है। 2006 के संघर्ष के बाद इस्राइल ने अपने इंटेलिजेंस एजेंसी को और मजबूत किया है। तब ये संघर्ष संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद रुक सका था। बाद के सालों में इस्राइल ने हिजबुल्ला के नेतृत्व और रणनीति के बारे में जानकारी जमा करने के लिए इंटेलिजेंस सिस्टम में ज्यादा संसाधन लगाए
रिपोर्ट के मुताबिक नसरल्ला को मारने के अभियान में जरूरी जानकारी सैनिकों और वायु सेना तक जल्दी से जल्दी पहुंच जाए, इसके लिए इन संगठनों के भीतर ही नई टीमें बनाई गई थीं। इस्राइल की सिग्नल इंटेलिजेंस एजेंसी यूनिट 8200 ने हिजबुल्ला के सेलफोन और अन्य संचार को बेहतर ढंग से इंटरसेप्ट करने के लिए अत्याधुनिक साइबर उपकरण बनाए। नतीजा पेजर और वॉकी-टॉकी हमला रहा, जिसमें हिजबुल्ला के बहुत सारे लोग मारे गए थे।