बेंगलुरु। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के प्रसिद्ध धर्मस्थल मंदिर को लेकर उठे विवाद पर राज्य की कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को “हिंदू आस्था पर प्रायोजित हमला” बताते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी ठोस जांच के आरोपों को बढ़ावा दिया और मंदिर की छवि को धूमिल करने का काम किया।
जोशी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “धर्मस्थल मामला हिंदू आस्था पर प्रायोजित हमले के रूप में सामने आया है। कांग्रेस सरकार ने इस विवाद को अपने टूलकिट का हिस्सा बनाकर जानबूझकर उछाला ताकि प्राचीन मंदिर की गरिमा को आघात पहुंचे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आरोपों की सत्यता की जांच किए बिना ही उन्हें सार्वजनिक विमर्श में हावी होने दिया और मीडिया में लगातार फैलने दिया। “नकाबपोश व्यक्ति से लेकर पूरी तरह फंडेड यूट्यूबर्स तक—बिना सत्यापित दावे किए गए और मंदिर को 15 दिनों तक तमाशा बनाकर रखा गया,” जोशी ने कहा।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह पूरा विवाद किसी बड़े इशारे पर खड़ा किया गया था और समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई। साथ ही उन्होंने मांग की कि “इस विवाद को हवा देने और फंडिंग करने वालों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
विवाद की पृष्ठभूमि
धर्मस्थल मंदिर विवाद की शुरुआत तब हुई जब शिकायतकर्ता सीएन चिन्नैयाह ने मंदिर परिसर में महिलाओं के यौन शोषण और शवों को दफनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए। हालांकि पुलिस जांच में आरोप निराधार पाए गए और चिन्नैयाह को झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
यूट्यूबर समीर एमडी से पूछताछ
इसी बीच, मंदिर से संबंधित मानहानिकारक वीडियो प्रसारित करने के मामले में फंसे यूट्यूबर समीर एमडी रविवार को पुलिस के समक्ष पेश हुए। इससे पहले पुलिस ने उनके बेंगलुरु स्थित किराये के मकान और बेल्लारी स्थित घर पर नोटिस चिपकाए थे।
समीर तीन वकीलों के साथ थाने पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने पहले ही मंगलुरु कोर्ट से अग्रिम जमानत ले रखी है। बताया जा रहा है कि समीर ने धर्मस्थल विवाद से जुड़ा वीडियो अपलोड किया था, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया।