कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। इसी बीच मुख्यमंत्री का बयान राजनीतिक हलकों में नई सरगर्मी लेकर आया है। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पार्टी हाईकमान उन्हें बुलाता है, तो वे तुरंत दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं। उनके इस बयान को प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और कांग्रेस संगठन में संभावित फेरबदल से जोड़कर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे पार्टी अनुशासन और नेतृत्व के निर्णयों पर पूरा भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि हाईकमान जो भी निर्देश देगा, वे उसका पालन करेंगे, क्योंकि कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व और संगठन सर्वोपरि माना जाता है। हालांकि उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया कि क्या नेतृत्व परिवर्तन वास्तव में होने वाला है।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मंत्रिमंडल विस्तार, शक्ति संतुलन और पार्टी के अंदरूनी खेमेबाजी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ विधायकों और नेताओं के बयानों ने भी सियासी माहौल को और गरम कर दिया है। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री की यह प्रतिक्रिया राजनीतिक घटनाक्रम को नया आयाम देती दिखाई दे रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान हालात पर नजर बनाए हुए है और राज्य की राजनीति में किसी बड़े बदलाव से पहले सभी पक्षों से राय ली जा रही है। हालांकि, पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर किसी तरह का संकेत अभी तक नहीं मिला है। मुख्यमंत्री के ताजा बयान ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि अंतिम फैसला दिल्ली दरबार में ही होगा।





