Sunday, December 22, 2024

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हरिद्वार लोकसभा में लहरों से बदले जनप्रतिनिधि

राज्य गठन के बाद से सरकारें बदलीं और सांसद भी बदले, लेकिन कई मोर्चों पर हालात में अभी तक बदलाव नहीं हुआ है। जब लोकसभा चुनाव आते हैं तो फिर से चुनाव में वहीं मुद्दे और दावे उभरकर आते हैं। स्थिति यह है कि पिछले दस सालों में सड़कों और पुलों के जाल बिछे पर जाम की समस्या बरकरार है। सरकार अभी ड्रेनेज सिस्टम और कूड़ा प्रबंधन जैसे मोर्चों पर खुद को अव्वल साबित नहीं कर पाई है। स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर बिजली, पानी और विकास के कई आयामों पर काम करना बाकी है। सत्ता दल कराए गए कामों की दुहाई देगा तो विपक्ष जनता की दुश्वारियों की। अब जनता के सामने मुश्किल यह है कि इस बार किसकी बात पर विश्वास करे। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में कुछ ऐसे ही मुद्दे हैं, जिन पर आने वाले समय चुनावी जंग देखने को मिलेगी।  सरकारें किसी भी पार्टी की रही हों, लेकिन अवैध खनन का मुद्दा हमेशा जीवित रहा। हरिद्वार जिला अवैध खनन को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा। इस कारोबार को लेकर फायरिंग समेत आपसी संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती रही। हरिद्वार में मातृ सदन के स्वामी शिवानंद  बरसों से अवैध खनन के खिलाफ समय-समय पर अनशन करते रहे हैं। अनशन के चलते प्रो. जीडी अग्रवाल की मौत से यह मुद्दा और भी सुर्खियों में आ गया। अब चुनावी रण जम चुका है तो तो सत्ता और विरोधि पार्टियों के बीच फिर से आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू होगा।

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