गोयल ने कहा है कि ‘स्विट्जरलैंड में 100 अरब डॉलर का निवेश आने की उम्मीद है। आज स्विट्जरलैंड की 1500 से ज्यादा कंपनियां रिसर्च, प्रीसिशन, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग के काम में लगी हुई हैं। इन कंपनियों को उपकरण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।’ गोयल ने कहा कि ‘मेरी यहां कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई, जो काफी अच्छी रही। दोनों देशों में कई क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं हैं, जिनमें अंतरिक्ष, इंजीनियरिंग और खाद्य प्रसंस्करण और कृषि जैसे क्षेत्र शामिल हैं। भारत को स्विट्जरलैंड की तकनीक से फायदा मिल सकता है। हमारे पास दक्ष लोग हैं हमारे यहां श्रम सस्ता भी है। भारत स्विट्जरलैंड का विश्वसनीय सहयोगी बनेगा।’ वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि गंभीर भू-राजनीतिक चुनौतियों की वजह से विश्व व्यापार के लिए मुश्किल समय है। हालांकि भारत लगातार विजेता बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत का निर्यात 825 अरब डॉलर के पार चला जाएगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का निर्यात 778 अरब डॉलर था, जो इस बार अच्छी खासी बढ़ोतरी के बाद 825 अरब डॉलर के पार पहुंचेगा। यह सर्वकालिक उच्च स्तर है। शीर्ष निर्यातकों के निकाय FIEO ने अनुमान लगाया है कि देश का कुल वस्तु और सेवा निर्यात 2025-26 के दौरान साल-दर-साल 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1 खरब अमरीकी डॉलर होने की उम्मीद है। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के अनुसार, 2025-26 में व्यापारिक निर्यात 2024-25 के 437 अरब डॉलर से 12 प्रतिशत बढ़कर 525-535 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि सेवा निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 387 अरब डॉलर से लगभग 20 प्रतिशत बढ़कर 465-475 अरब डॉलर होने की संभावना है।