Sunday, July 6, 2025

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स्टारलिंक से भारतीय कंपनियों को खतरा नहीं

टेक अरबपति एलन मस्क का स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट जियो और भारती एयरटेल जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती पेश नहीं कर पाएगा। क्योंकि ये कंपनियां अपने ग्राहकों को सस्ते दामों पर बेहतर इंटरनेट स्पीड और अनलिमिटेड डाटा मुहैया कराती है। यह खुलासा जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट में किया गया है। स्टारलिंक भारतीय टेलीकॉम कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय उलटा उनकी मदद कर सकता है। ऐसे दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में जहां सामान्य ब्रॉडबैंड सेवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, वहां स्टारलिंक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाने में सहायक साबित हो सकता है। दुनियाभर में स्टारलिंक और अन्य सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं की कीमत 869.48 रुपये (10 डॉलर) से 43,474 रुपये (500 डॉलर) प्रति माह होती है। इसके अलावा, हार्डवेयर के लिए 26,084.52 रुपये (250 डॉलर) से 3,30,403 रुपये (380 डॉलर) तक का एक बार का खर्च भी आता है। इसके मुकाबले इसके मुकाबले, भारतीय टेलीकॉम कंपनियां महज 434.74 रुपये 608.64 रुपये में प्रति माह में ब्रॉडबैंड प्लान देती हैं। इन कंपनियों का एक जीबीपीएस स्पीड और स्ट्रीमिंग सेवाओं वाला प्रीमियम प्लान भी सिर्फ 4,086.57 रुपये प्रति माह में उपलब्ध है।

भारत कीमतों को लेकर संवेदनशील बाजार है। यही वजह है कि स्टारलिंक की अधिक लागत और सीमित स्पीड इसे शहरी उपभोक्ताओं के लिए कम आकर्षक बनाती है। इसलिए,स्टारलिंक खास तौर से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में अपनी सेवाएं देगा, न कि जियो और भारती के फाइबर और एयरफाइबर ब्रॉडबैंड से प्रतिस्पर्धा करेगा।स्टारलिंक के पास 6,400 से अधिक लो-अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) सैटेलाइट हैं। इससे उसे ज्यादा कवरेज और बेहतर क्षमता मिलती है। लेकिन यह भारतीय टेलीकॉम कंपनियों से सीधी प्रतिस्पर्धा करने के बजाय उनके लिए एक सहयोगी की भूमिका निभाएगा। जियो और भारती ने स्पेसएक्स के साथ एक समझौता किया है।

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