महाराष्ट्र कृषि विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच कराने की बात कही। लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। जांच के बाद अगर कोई भ्रष्टाचार में शामिल पाया जाएगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के एक मंत्री और विधायक ने कहा है कि राज्य के कृषि विभाग में पांच हजार करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। इसके जवाब में लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं इस बारे में पहली बार सुन रहा हूं। मुझे नहीं पता कि वास्तविकता क्या है? लेकिन अगर कहीं कोई अनियमितता पाई जाती है तो हम जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।एक दूसरे सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को लागू किया है, जबकि शेष राज्यों ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। कुछ राज्य अपनी फसल बीमा योजनाएं चला रहे हैं। हमने उन्हें पीएमएफबीवाई के लाभों के बारे में बताकर इसे लागू करने के लिए कहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की प्राथमिकता किसानों की आय बढ़ाना है। नारियल उत्पादन में भारत दुनिया में शीर्ष देश है और हम बहुत ही कम समय में नारियल उत्पादन को 140 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 153 लाख मीट्रिक टन करने में सफल रहे हैं।
पिछले दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने बीड में फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना के तहत 105 करोड़ रुपये फर्जी खातों में ट्रांसफर किए गए हैं और डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिक ट्रांसफर) योजना को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा था कि मंत्री धनंजय मुंडे की टीम ने 150-200 किसानों के नाम झूठे दावों में जोड़े हैं। मंत्री खुद इन अनियमितताओं में शामिल हैं।