सीरिया के दक्षिणी हिस्से में ड्रूज और बेदुइन समुदायों के बीच छिड़ी हिंसा ने अब गंभीर रूप ले लिया है। यूके स्थित वॉर मॉनिटर सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, झड़पों में अब तक कम से कम 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। दर्जनों लोग घायल हैं और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हिंसा की शुरुआत एक ड्रूज सब्जी विक्रेता के अपहरण और लूट की घटना से हुई, जिसे एक बेदुइन कबीले ने अंजाम दिया था। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में दोनों पक्षों के बीच एक के बाद एक अपहरण, हमले और प्रतिशोध की घटनाएं सामने आईं, जिससे पूरा इलाका हिंसा की चपेट में आ गया।
घटनास्थल पर तनाव को देखते हुए सीरियाई सेना ने सुरक्षा चौकियों पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी है। स्थानीय अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है।
सीरिया के गृह मंत्रालय ने इस स्थिति को ‘अत्यंत खतरनाक’ करार देते हुए कहा है कि स्थानीय प्रशासन की गैरमौजूदगी के कारण हालात और अधिक बिगड़ गए हैं। मंत्रालय के अनुसार, आम नागरिकों द्वारा हालात को संभालने की कोशिशें विफल रही हैं, और सरकार अब स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
गौरतलब है कि ड्रूज समुदाय, जो 10वीं सदी की इस्माइली परंपरा से निकला एक धार्मिक अल्पसंख्यक समूह है, सीरिया के स्वैदा प्रांत और दमिश्क के दक्षिणी इलाकों में बड़ी संख्या में रहता है। बशर अल-असद की सत्ता को लेकर इस समुदाय में अब भी असंतोष बना हुआ है और स्थानीय हथियारबंद समूहों ने अपनी ताकत बढ़ा ली है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह संघर्ष सिर्फ आपराधिक घटना नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त असुरक्षा, प्रशासनिक शून्यता और गहराते जातीय तनावों का संकेत है।