चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शिक्षकों से आह्वान किया है कि वे छात्रों में तर्कसंगत सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह समाज में जागरूक, विवेकशील और जिम्मेदार नागरिक तैयार करने का माध्यम होना चाहिए।
शिक्षकों की भूमिका पर जोर
सीएम स्टालिन ने कहा कि बदलते समय में शिक्षकों की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। अब केवल पाठ पढ़ाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि बच्चों को प्रश्न पूछने, जिज्ञासा रखने और नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “जब विद्यार्थी सवाल करेंगे और तार्किक सोचेंगे, तभी समाज अंधविश्वास से मुक्त होकर प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा।”
तर्क और विज्ञान पर आधारित शिक्षा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शिक्षा का आधार विज्ञान और विवेक होना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे कक्षा में ऐसा माहौल बनाएं जहां छात्र निडर होकर अपनी जिज्ञासा प्रकट कर सकें और समस्याओं के समाधान के लिए तार्किक तरीके अपनाएं।
सामाजिक सुधार से जोड़ा शिक्षा को
स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सामाजिक सुधार का सबसे बड़ा हथियार मानती है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि विद्यालयों में पढ़ने वाले हर बच्चे में वैज्ञानिक सोच विकसित हो। उन्होंने कहा कि यही सोच भविष्य में एक प्रगतिशील समाज की नींव रखेगी।
👉 सीएम स्टालिन का यह संदेश न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि उनकी सरकार छात्रों को केवल डिग्री धारक नहीं, बल्कि तर्कशील और विवेकशील नागरिक बनाना चाहती है।





