कोलकाता के एक कॉलेज में सरस्वती पूजा के आयोजन को लेकर छात्रों के दो समूहों के बीच विवाद हो गया। इस विवाद के चलते राज्यभर की राजनीति में गर्माहट और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया। इसी बीच इस विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सख्ती दिखाते हुए चेतावनी दी है।
बिमान बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी हाल में पूजा को रोकने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉलेज परिसर में पिछले वर्षों की तरह सरस्वती पूजा होनी चाहिए और जो लोग इसे रोकने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब 30 जनवरी को कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों के एक समूह ने पूजा आयोजित करने से उन्हें रोक दिया। साथ ही छात्रों के द्वारा पूजा के लिए निर्धारित स्थान को भी अवरुद्ध कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपना अलग पंडाल बनाकर पूजा करने की कोशिश की।
इस मामले में एक छात्र ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें अदालत से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पूजा को सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जाए।
विवाद यहीं नहीं थमा, इस मामले के बढ़ते राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कॉलेज परिसर के बाहर विरोध रैली निकाली। साथ ही एबीवीपी ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि किसी भी समूह को पूजा आयोजित करने में बाधा न डाली जाए। गौरतलब है कि छात्रों के लिए सरस्वती पूजा का आयोजन हमेशा से ही खास रहा है। इसका आयोजन कॉलेजों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में वर्षों से होता आ रहा है और इसे लेकर छात्रों में खासा उत्साह रहता है।