रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान (डब्ल्यूएनसी) का शनिवार को दौरा किया। इस दौरान दोनों पक्षों ने समुद्री रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) 2014 से लागू है। भारतीय नौसेना ने कहा कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को लाल सागर और अदन की खाड़ी में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। ऑस्ट्रेलियाई नौसेना प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीफ ऑफ आरएएन, एओ वाइस एडमिरल मार्क हैमंड ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने वाइस एडमिरल संजय जे सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान के साथ बातचीत की। दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयगो पर भी चर्चा हुई। ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई स्थित भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय का दौरा कर नौसेना डॉकयार्ड में डेस्ट्रायॅर व पनडुब्बी का निरीक्षण किया। प्रतिनिधिमंडल को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड की क्षमताओं और भारतीय नौसेना के लिए जारी परियोजनाओं के बारे में पूरी जानकारी दी गई। इस पर वाइस एडमिरल मार्क हैमंड ने कहा कि भारतीय नौसेना अच्छा काम कर रही है।
हिंद महासागर में शांति प्राथमिकता आरएएन प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दोनों देशों की नौसेनाओं की प्राथमिकता हिंद महासागर रिम (आईओआर) में शांति स्थिरता और विकास करना हैं। इसके लिए दोनों पक्षों को नौसैनिक सहयोग को और बढ़ाना होगा। सांस्कृतिक और राजनयिक आदान-प्रदान इसमें प्रमुख कारक साबित होंगे।