Friday, March 14, 2025

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समान कोण रखनेवालेदेश को एक साथ काम करना जरी

वदेश मंी एस जयशकं र इन दन अपनी दो दवसीय ेन दौरेपर ह। जहां उहनेभमूयसागर मभारत क चको लेकरबात क। एस जयशंकर नेकहा क भारत क भमूयसागर े मगहरी च हैऔर इस े केसाथ भारत का वाषकापार लगभग 80 बलयन डॉलर है। उहनेकहा क आनेवालेसमय मभारत भमूयसागर े मऔर अधकसयपसेदखाई देगा और इस या मभारत को ेन केसमथन क बत जरत होगी। जयशकं र नेयह भी कहा कआजकलनया थोड़ी अर और अनत लगती है, इसलए समान कोण और हत रखनेवालेदेश को एकसाथकामकरना
बत जरी ह।ै साथ ही उनका मानना हैक मजबूत भारत-ेन संबंध और भारत-यूरोपीय संघ का सहयोग एकअर
नया मरता ला सकता ह।ैइससेपहलेएस. जयशकं र नेसोमवार को कहा क ेन और यरूोपीय संघ केसाथभारतके
संबधं ‘इन अशांत समय मरता लानेवालेकारक’ हो सकतेह। बता दक, ेन के रापत पेो सांचेजके भारतदौरेके लगभग ढाई महीनेबाद, पीय संबंध क सम गत क समीा करनेकेलए वदेश मंी जयशंकर सोमवार सेेनक
दो दवसीय याा पर ह। वदेश मंी केप मयह उनक पहली ेन याा ह।ै सोशल मीडया एस पर एक पोट म, वदेशमंी एस. जयशंकर नेकहा क उहनेमैड मराजत के 9ववाषकसमेलनको संबोधत कया। इस समेलन का वषय ‘अपनी पहचान वाली वदेश नीत’ था। वदेशमंी जयशंकर ने’इसबारेमबातक क कैसेरा अपनी संकृत, परंपरा और वरासत सेअपनी कूटनीत केवश ाडं को आगेबढ़ातेह

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