राज्य सरकार ने समान कार्य के लिए समान वेतन देने के सिद्धांत को लागू करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि उपनल (UPNL) के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों को भी उसी प्रकार का वेतनमान दिया जाए, जैसा नियमित कर्मचारियों को समान कार्य और समान पद पर मिलता है। इस निर्णय से लंबे समय से वेतन विसंगति का सामना कर रहे हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकारी आदेश के अनुसार, पहले चरण में लगभग 5500 उपनल कर्मचारियों को इसका लाभ प्रदान किया जाएगा। ये वे कर्मचारी हैं जो विभिन्न विभागों में वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन वेतन और अन्य सुविधाओं के मामले में नियमित कर्मचारियों की तुलना में पिछड़े हुए थे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि समान वेतन का यह मॉडल चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि कोई भी कर्मचारी न्याय से वंचित न रहे।
विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपलब्ध पदों, कार्य-प्रकार और कर्मचारी वर्गीकरण का पुनः परीक्षण करें और योग्य कर्मचारियों को जल्द से जल्द संशोधित वेतनमान का लाभ सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, तय किया गया है कि भविष्य में भी उपनल कर्मचारियों की नियुक्ति एवं तैनाती को पारदर्शी व्यवस्था के तहत किया जाएगा, ताकि वेतन असमानता जैसी समस्याएँ दोहराई न जाएँ।
कर्मचारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि सरकार का यह कदम उनके मनोबल को बढ़ाएगा। कर्मचारियों का लंबे समय से मांग रहा समान वेतन अब वास्तविकता के रूप में लागू होता दिख रहा है, जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार आने की संभावना है।





