एक संघीय न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसमें माता-पिता की आव्रजन स्थिति को नजरअंदाज करते हुए अमेरिकी जन्मसिद्ध नागरिकता की सांविधानिक गारंटी को समाप्त कर दिया गया था। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जॉन सी कफनौर ने वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन राज्यों के मुकदमें में यह फैसला सुनाया, जिसमें तर्क दिया गया कि 14वें संशोधन और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों ने जन्मसिद्ध नागरिकता को सुनिश्चित किया है। यह मामला उन पांच मुकदमों में से एक है, जो 22 राज्यों और कई अप्रवासी अधिकार समूहों द्वारा लाए गए हैं। इनमें अटॉर्नी जनरल की गवाही भी शामिल है, जो जन्मसिद्ध अधिकार से अमेरिकी नागरिक हैं, और उन गर्भवती महिलाओं के नाम हैं, जिन्हें डर है कि उनके बच्चे अमेरिकी नागरिक नहीं बनेंगे।
ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के दिन इस आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जो 20 फरवरी से प्रभावी होने वाला था। एक मुकदमे में कहा गया है कि राष्ट्रपति का यह आदेश अमेरिका में जन्मे लाखों लोगों को प्रभावित कर सकता है।
सिएटल में दायर चार राज्यों के मुकदमे के अनुसार, 2022 में, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाली माताओं से लगभग 255,000 बच्चों का जन्म हुआ। जबकि, 153,000 बच्चे ऐसे पैदा हुए, जिनके माता-पिता दोनों अवैध रूप से रह रहे थे।
अमेरिका उन लगभग 30 देशों में से एक है, जहां जन्मसिद्ध नागरिकता का सिद्धांत लागू होता है। कनाडा और मैक्सिको भी इनमें शामिल हैं।