Wednesday, February 5, 2025

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श्रीलंका ने चार साल में पहली बार वाहनों के आयात पर हटाया प्रतिबंध

श्रीलंका ने एलान किया है कि वे वाहनों के आयात पर प्रतिबंध हटा देंगे। इसे कोविड-19 महामारी के कारण विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम करने के लिए 2020 में लागू किया गया था। बुधवार को जारी राजपत्र के अनुसार 2020 की शुरुआत के बाद पहली बार सार्वजनिक परिवहन वाहनों के आयात की अनुमति दी गई है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि वाहन आयात पर प्रतिबंध लगाने की नीति कोविड-19 महामारी और 2022 की आर्थिक मंदी के कारण विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव को कम करने के इरादे से लागू की गई थी।

राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बुधवार को संसद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी इस्तेमाल के लिए कारों के आयात की अनुमति फरवरी 2025 से दी जाएगी।हालांकि, यह फैसला नियमों के अधीन है ताकि द्वीप राष्ट्र के विदेशी भंडार बनाने की कोशिश की रक्षा की जा सके।

सभी आयातकों को अपना आयात तीन महीने के भीतर बेचना होगा। नहीं तो उन पर तीन प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा।

बयान में कहा गया है, “ये शर्तें देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा के इरादे से लगाई गई हैं। ताकि अत्यधिक संख्या में वाहनों के आयात को हतोत्साहित किया जा सके। और आयातकों द्वारा भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करते हुए मोटर वाहनों का अनावश्यक स्टॉक रखने से रोका जा सके।”

वाहन आयातकों के संघ ने इस कदम की सराहना की। उन्होंने आयात प्रतिबंध हटाने के लिए सरकार से व्यापक रूप से पैरवी की थी।

आईएमएफ बेलआउट की शर्तें तय करती हैं कि श्रीलंका को 2022 जैसे संकट को रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण करना चाहिए। जब विदेशी भंडार की कमी के कारण ईंधन और जरूरी सामानों की कमी हो गई थी।

श्रीलंका की आर्थिक मंदी से उबरने की मान्यता में आईएमएफ ने आयात शुल्क के जरिए राज्य के राजस्व को बढ़ाने के उपाय के रूप में वाहन आयात की अनुमति दी थी।

अप्रैल 2022 में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा हो गया। जिसके कारण द्वीप राष्ट्र को खुद को पहली बार संप्रभु डिफॉल्ट घोषित करना पड़ा।

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