स्पीकर ओम बिरला की पहल पर लोकसभा में शून्यकाल ने कीर्तिमान बना दिया। बृहस्पतिवार को विस्तारित शून्यकाल के दौरान 5 घंटे के अधिक समय में 202 सांसदों ने अपने क्षेत्र और विशेष महत्व के मुद्दे उठाए। इससे पूर्व स्पीकर बिरला के पहले कार्यकाल में 18 जुलाई, 2019 को शून्यकाल के दौरान 161 सदस्यों ने अपनी बात रखी थी।दरअसल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में बिरला ने सदस्यों की समय न मिलने की कई शिकायतों का जिक्र करते हुए इन्हें विशेष अवसर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। वक्फ विधेयक पर लंबी चर्चा के कारण बुधवार की कार्यवाही तड़के करीब तीन बजे तक चली थी। इस दौरान वक्फ विधेयक पर लगातार 12 घंटे से अधिक की चर्चा हुई थी। तटीय व्यापार में बढ़ोतरी करने, शिपिंग उद्योग को आधुनिक बनाने और भारतीय नागरिकों के लिए तटीय व्यापार को सुगम बनाने संबंधी कई अहम प्रावधानों वाला तटीय शिपिंग विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए पत्तन, परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इससे लोगों को सस्ता यातायात उपलब्ध होने के साथ पर्यावरण को भी इसका लाभ मिलेगा। तटीय क्षेत्र व्यापार के क्षेत्र में व्यापक संभावना है। सोनोवाल ने कहा, शिपिंग उद्योग को आधुनिक नहीं बनाने और सुव्यवस्थित नहीं करने से भारत इसका व्यापक लाभ नहीं उठा पा रहा। यह विधेयक प्रमुख बंदरगाहों पर यातायात को बढ़ावा देने और समुद्री उद्योग की समग्र दक्षता को बढ़ाने के लिए कई परिवर्तनकारी उपायों का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसमें बदलाव से विशेष रूप से घरेलू शिपिंग कंपनियों को लाभ होगा।केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को संसद में बताया कि हर साल करीब 1.8 लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं की वजह से मौत होती है। इनमें से कई मौतें अप्रशिक्षित चालकों के कारण होती हैं। ऐसा कुशल ड्राइवरों की कमी के कारण होता है।गडकरी ने ने विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में 22 लाख कुशल ड्राइवरों की कमी है। इससे निपटने के लिए 4,500 करोड़ रुपये से ड्राइवरों के लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1,600 ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जाएंगे। इससे 60 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।वक्फ विधेयक पर मतदान में लोकसभा से दो सांसदों, केंद्रीय मंत्री जोएल उरांव व अपराजिता सारंगी की गैरहाजिरी को भाजपा ने गंभीरता से लिया है। दोनों से जवाब तलब किया गया है। हालांकि गैरहाजिरी से मतदान में कोई अंतर नहीं आया, सत्ता पक्ष ने 288 सांसदों का समर्थन जुटा लिया था।





