महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जबरदस्त जीत के बाद से ही राज्य की राजनीति में गर्माहट तेज है। अब उद्धव ठाकरे की करारी हार के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने ऑपरेशन टाइगर शुरू किया है। इसके तहत शिवसेना (यूबीटी) के नेताओ को शिंदे की शिवसेना में शामिल किया जा रहा हैं। इस बीच शिंदे के करीबी मंत्री संजय शिरसाट ने दोनों के बीच सुलह की बात कह राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि उद्धव और एकनाथ को एक साथ लाया जाय। हालांकि, ठाकरे के नेतृत्व वाली यूबीटी के नेताओं ने शिरसाट के बयान की आलोचना की है। शिरसाट औरंगाबाद पश्चिम से चार बार से शिवसेना विधायक हैं। वह 2022 में शिवसेना की दो फाड़ के बाद से शिंदे शिवसेना के आधिकारिक प्रवक्ता भी हैं। शिरसाट ने कहा, कि अगर मुझे मौका मिला तो मैं उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को एक साथ लाने की कोशिश करूंगा, क्योंकि लोगों को एक साथ लाने में कोई बुराई नहीं है। इसमें गलत कुछ भी नही है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को एक साथ लाने की कोशिशों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हां ऐसा किया गया, लेकिन यह एकतरफा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जब भी वह ठाकरे समूह के किसी नेता या पदाधिकारी से मिलते है तो उनका रिश्ता पहले जैसा ही रहता है।
बता दें कि साल 2024 अंत में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 80 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। इसमें भाजपा ने 132 सीटें जीतकर अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। पार्टी अपने दम पर बहुमत से सिर्फ 13 सीटें कम है। सहयोगी शिवसेना की 57, एनसीपी (अजीत) की 41 व तीन छोटे सहयोगियों की चार सीटाें के साथ महायुति ने 288 में से 234 सीटों पर बंपर जीत हासिल की है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को झटका लगा, वह सिर्फ 50 सीटों पर सिमट गया।