चौड़ गांव के वीर सपूत हवलदार वीरेंद्र सिंह को शुक्रवार को उनके पैतृक घाट बोरागाड़ में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सेना की 12वीं गढ़वाल राइफल्स में सेवारत वीरेंद्र सिंह का बुधवार रात एक हादसे में निधन हो गया था, जब वे अपने घर के पास अचानक पैर फिसलने से गहरी खाई में गिर गए।
वीरेंद्र सिंह वर्ष 2009 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और वर्तमान में लैंसडाउन में तैनात थे। मंगलवार को वह अपने परिवार से मिलने गांव आए थे। लेकिन बुधवार रात यह दुखद हादसा हो गया।
गुरुवार को कर्णप्रयाग अस्पताल में उनका पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद शुक्रवार दोपहर उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया। अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और रिश्तेदार एकत्र हुए। इसके पश्चात सेना की टीम, जिसमें रुद्रप्रयाग से मेजर अक्षय सैनी शामिल थे, ने उन्हें गन सल्यूट देकर अंतिम सलामी दी।
वीरेंद्र सिंह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, एक भाई और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी और मां बेटे की असमय मौत से बार-बार बेहोश हो रही थीं। गांव में शोक की लहर व्याप्त है।
अंतिम संस्कार में तहसीलदार अक्षय पंकज, एसओ पंकज कुमार, सेना के जवानों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। गांव के इस जांबाज़ बेटे को नम आंखों से विदाई दी गई।