अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने यहूदी दानदाताओं से वादा किया है कि अगर वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में यहूदी विरोधी भ्रामक प्रचार होने पर उन विश्वविद्यालयों की फंडिंग रोक दी जाएगी। ट्रंप ने ये भी कहा कि हमास के समर्थकों को गिरफ्तार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में इस्राइल विरोध धरने प्रदर्शन हुए थे। लास वेगास में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में ट्रंप ने एक हजार से ज्यादा यहूदी दानदाताओं के सामने वादा किया कि ‘अमेरिकी कॉलेजों को यहूदी विरोधी भ्रामक प्रचार को बंद करना होगा वरना उनकी मान्यता और संघीय मदद को रोक दिया जाएगा।’ ट्रंप ने ये भी वादा किया कि वह आतंकवाद प्रभावित इलाकों जैसे गाजा आदि से आने वाले शरणार्थियों के अमेरिका में बसने पर प्रतिबंध लगाएंगे। साथ ही हमास समर्थकों को गिरफ्तार कराएंगे, जो तोड़फोड़ और हिंसा में शामिल होंगे। ट्रंप के इस बयान को बीते दिनों अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुए विरोध प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल गाजा के समर्थन में अमेरिका के कॉलेज छात्रों ने व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि अमेरिकी कंपनियां इस्राइल के साथ व्यापार बंद करें। रिपब्लकिन पार्टी के कई नेताओं ने आरोप लगाए थे कि कई डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता यहूदी विरोध का समर्थन कर रहे हैं।
हालांकि आंकड़ों के अनुसार, ट्रंप और बाइडन के शासनकाल के दौरान समान संख्या में ही फलस्तीन के शरणार्थियों को अमेरिका में शरण दी गई। अमेरिका के विदेश विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2017-2020 के बीच अमेरिका ने 114 फलस्तीनी शरणार्थियों को नागरिकता दी, जबकि वित्तीय वर्ष 2021 से इस वर्ष 31 जुलाई तक यानी कि बाइडन सरकार में 124 फलस्तीनी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई। ट्रम्प ने दावा किया कि ‘अगर वह (कमला हैरिस) राष्ट्रपति बन जाती हैं तो आपको बेसहारा छोड़ दिया जाएगा। अगर वह राष्ट्रपति बन जाती हैं तो आपके पास इज़राइल नहीं होगा।’ कमला हैरिस के प्रचार अभियान ने ट्रम्प के दावों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।