मेक इन इंडिया, उत्पाद आधारित प्रोत्साहन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आसान शर्तें और सिंगल विंडो शासन जैसी तमाम ऐसी सहूलियतें हैं, जिनकी वजह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारत में दिलचस्पी बढ़ रही है। इन कंपनियों के निवेश से भारत को फायदा हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट, सतत विकास के लिए वित्त पोषण, 2024 रिपोर्ट के मुताबिक भारत विदेशी निवेश का एक मजबूत प्राप्तकर्ता बना हुआ है, क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण आधार के तौर पर स्वीकार रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी से भारत को फायदा हो रहा है, क्योंकि ये कंपनियां भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के तौर पर उभरता हुआ देख रहे हैं। ज्यादातर विकासशील देश चौंकाने वाले कर्ज के बोझ और आसमान छूती उधारी लागत के कारण स्थायी विकास संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन, भारत की स्थिति ऐसी नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है, भारत तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है, यहां घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए किफायती श्रम शक्ति मौजूद है। भारत को फिलहाल विकासशील देशों के सामने आने वाली उन चुनौतियों से नहीं जूझना पड़ रहा है, जिनसे यह एक दशक पहले जूझ रहा था। इस तरह से भारत ने विकासशील देश बने रहने के एक दुष्चक्र को तोड़कर अपना दायरा काफी बढ़ाया है। जबकि, दूसरे विकासशील देश कर्ज और महंगाई जैसे संकटों की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।