वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद डीके सुरेश की आलोचना की। दरअसल, बजट जारी होने के बाद सुरेश ने कहा कि केंद्र अनुदान में दक्षिणी राज्यों की अनदेखी कर रहा है, इस वजह से दक्षिणी राज्य अलग राष्ट्र की मांग के लिए मजबूर होंगे। सुरेश के इसी बयान का जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि अनुदान जारी करने में वित्त आयोग की बात सुनी जाती है। केंद्र सरकार की भूमिका सिर्फ वित्त आयोग की बात माननी होती है। अगर वित्त आयुक्त मुझसे कहते हैं कि इन्हें इतना पैसा देना है, तो मेरे पास उनकी बात मानने के अलावा कोई और चारा नहीं है। मैं उस पैसे को किसी और को नहीं दे सकती। अगर दक्षिणी राज्यों को ऐसी कोई परेशानी है तो उन्हें आयोग के साथ बैठक करनी चाहिए। उन्हें अपनी समस्या बतानी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि मैं दक्षिणी राज्यों को एक साथ नहीं कर सकती क्योंकि दक्षिण के हर राज्यों की अपनी-अपनी शक्ति है। एक अलग राष्ट्र की मांग करना खतरनाक है। सुरेश एक जिम्मेदार संसद है, वे कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के भाई हैं। दक्षिणी राज्यों के अलग देश की मांग करना खतरनाक है। मैं भी दक्षिणी राज्य से ही आती हूं। मैं ऐसे किसी व्यक्ति का साथ नहीं दे सकती, जो अलग राष्ट्र की मांग करते हैं।