कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के नवनियुक्त अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा है कि भारत को यदि 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होना है, तो अगले दो दशकों तक हर वर्ष औसतन 10 प्रतिशत नाममात्र जीडीपी वृद्धि जरूरी होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
नाममात्र बनाम वास्तविक जीडीपी
राजीव मेमानी ने समझाया कि नाममात्र जीडीपी वह होती है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें वर्तमान बाजार दरों पर मापी जाती हैं और इसमें मुद्रास्फीति (महंगाई) का समायोजन नहीं किया जाता।
इसके विपरीत, वास्तविक जीडीपी में महंगाई का असर घटाकर आर्थिक वृद्धि को मापा जाता है।
2047 का लक्ष्य और रास्ता
CII प्रमुख ने कहा,
“अगर भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनते देखना है, तो हर साल करीब 10% नाममात्र जीडीपी वृद्धि जरूरी होगी। यह एक चुनौती जरूर है, लेकिन हमारी मौजूदा आर्थिक स्थिति इसे संभव बना सकती है — बशर्ते हम निवेश, निर्यात और नवाचार पर फोकस बनाए रखें।”
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर आशा
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौता जल्द ही हो सकता है।
“यह समझौता भारत के लिए बड़े बाजारों के द्वार खोलेगा, खासकर श्रम आधारित क्षेत्रों में। साथ ही तकनीकी हस्तांतरण, संयुक्त उपक्रम और नई साझेदारियों के अवसर भी बढ़ेंगे,” उन्होंने कहा।
CII अध्यक्ष राजीव मेमानी का यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि भारत के पास 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की क्षमता और संभावना दोनों हैं, लेकिन इसके लिए सतत, तेज और समावेशी आर्थिक वृद्धि की जरूरत होगी। नीति-निर्माताओं, उद्योगों और निवेशकों को इस दिशा में दीर्घकालिक रणनीति के साथ कार्य करना होगा।