Monday, February 3, 2025

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लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय बिल पेश

सहकारी समितियों के लिए योग्य जनशक्ति तैयार करने के उद्देश्य से सरकार ने सोमवार को लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया। सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर की तरफ से पेश किए गए विधेयक के अनुसार, सहकारी क्षेत्र में वर्तमान शिक्षा और प्रशिक्षण का बुनियादी ढांचा सहकारी समितियों में योग्य जनशक्ति और मौजूदा कर्मचारियों के क्षमता निर्माण की वर्तमान और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए ‘खंडित और अत्यधिक अपर्याप्त’ है।
इस विधेयक में कहा गया है कि यह आवश्यक है कि सहकारी समितियों में प्रबंधकीय, पर्यवेक्षी, प्रशासनिक, तकनीकी और परिचालन जैसी कई श्रेणियों की नौकरियों के लिए पेशेवर रूप से योग्य जनशक्ति की स्थिर, पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करके शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए एक व्यापक, एकीकृत और मानकीकृत संरचना बनाई जाए। प्रस्तावित विश्वविद्यालय अखिल भारतीय और केंद्रित तरीके से सहकारी क्षेत्र में कर्मचारियों और बोर्ड के सदस्यों की क्षमता निर्माण के लंबे समय से लंबित मुद्दे को भी हल करेगा।

जानकारी के मुताबिक, विधेयक के तहत गुजरात के आणंद में ग्रामीण प्रबंधन संस्थान को त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के रूप में विश्वविद्यालय की स्थापना करने और उसे राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित करने का प्रावधान है।

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