रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष एक बार फिर ऊर्जा ढांचे पर केंद्रित होता दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को यूक्रेन के ड्रोन हमले में रूस के एक प्रमुख गैस प्रोसेसिंग संयंत्र में भीषण आग लग गई, जिससे वहां भारी नुकसान हुआ। इस हमले के बाद रूस से कजाखस्तान को गैस की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
रूसी अधिकारियों के अनुसार, यह हमला रूस के ओरेंबुर्ग क्षेत्र में स्थित गैस संयंत्र पर हुआ, जो कजाखस्तान की सीमा से सटा हुआ है। संयंत्र में तड़के सुबह कई ड्रोन विस्फोटों की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद पूरे परिसर में आग फैल गई।
स्थानीय आपातकालीन सेवाओं ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए सैकड़ों दमकलकर्मी और 20 से अधिक फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। आग पर काबू पाने में कई घंटे लगे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, संयंत्र का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।
रूसी ऊर्जा मंत्रालय ने पुष्टि की कि हमले के कारण ओरेंबुर्ग गैस संयंत्र से कजाखस्तान को होने वाली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है। यह संयंत्र रूस से कजाखस्तान को प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा है।
कजाख अधिकारियों ने बताया कि गैस आपूर्ति रुकने से देश के कुछ औद्योगिक इलाकों में ऊर्जा संकट की स्थिति बन गई है, हालांकि घरेलू उपभोक्ताओं की आपूर्ति पर फिलहाल असर नहीं पड़ा है।
यूक्रेनी सुरक्षा बलों के सूत्रों ने पश्चिमी मीडिया को बताया कि यह हमला यूक्रेनी ड्रोन यूनिट द्वारा रूस की ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बनाने की कार्रवाई का हिस्सा है। पिछले कुछ महीनों में यूक्रेन ने रूस की कई तेल रिफाइनरियों और ऊर्जा ठिकानों पर इसी तरह के हमले किए हैं।
हालांकि, कीव की ओर से इस हमले की औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि रूस की ऊर्जा आपूर्ति को बाधित करना उनकी रणनीति का हिस्सा है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” करार दिया है। मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि यूक्रेन की ओर से इस तरह के हमले नागरिक अवसंरचना पर किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य रूस की अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाना है।
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले दो महीनों में यूक्रेन ने रूस के अंदर ऊर्जा ठिकानों पर हमलों की रफ्तार तेज की है। इससे पहले, सितंबर में रियाज़ान और निज़नी नोवगोरोद में तेल रिफाइनरियों पर ड्रोन हमले हुए थे।
रूसी विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों से रूस की ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है और यूरोप और मध्य एशिया को गैस निर्यात प्रभावित हो सकता है।
फिलहाल रूसी आपातकालीन सेवाएं संयंत्र में क्षति का आकलन कर रही हैं और आपूर्ति बहाल करने में कई दिन लग सकते हैं। रूस ने सीमा सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं और ड्रोन रोधी सिस्टमों की तैनाती तेज कर दी है।
यूक्रेनी ड्रोन हमले से रूस के गैस संयंत्र में लगी भीषण आग, कजाखस्तान को गैस आपूर्ति ठप मास्को | एजेंसी
